Ratan Tata रतन टाटा की 87वीं जयंती पर जीवन गाथा का एक प्रेरणादायक किस्सा। Ratan Tata हम भारत के महान उद्योगपति रतन टाटा की 87वीं जयंती मना रहे हैं। भले ही रतन टाटा आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार और उनके द्वारा किए गए अद्वितीय कार्य आज भी प्रेरणा देते हैं। उनके जीवन का एक ऐसा किस्सा है, जो हर भारतीय के दिल में गर्व और प्रेरणा भर देता है।
जब रतन टाटा से कहा गया, ‘तुम कभी कार नहीं बना सकते’
रतन टाटा ने जब टाटा मोटर्स की स्थापना की, तो शुरुआती दिनों में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनकी पहली कार, टाटा इंडिका, बाजार में आई, तो आलोचकों ने इसे नकार दिया। उस वक्त फोर्ड मोटर्स के एक अधिकारी ने रतन टाटा से कहा, ‘तुम लोग कार नहीं बना सकते।’

फोर्ड का बुरा दौर और रतन टाटा Ratan Tata का बदला
साल 2006 में फोर्ड को बड़ा नुकसान हुआ। इस वित्तीय संकट के चलते फोर्ड को अपनी प्रीमियम ब्रांड्स, जगुआर और लैंड रोवर (JLR) को बेचने का फैसला लेना पड़ा। ये वही कंपनियां थीं, जिन्हें उन्होंने 1989 में खरीदा था।
साल 2008 में, Ratan Tata जब फोर्ड ने JLR को बेचने की पेशकश की, तो रतन टाटा ने 2.3 बिलियन डॉलर में इसे खरीद लिया। दिलचस्प बात यह है कि 10 साल पहले, वही फोर्ड जो टाटा मोटर्स को कमतर आंक रही थी, अब उसी भारतीय कंपनी से अपनी ब्रांड्स बेचकर बच रही थी।
JLR का कायापलट Ratan Tata
रतन टाटा ने JLR को एक नई पहचान दी। उन्होंने इस ब्रांड में निवेश कर इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में खड़ा किया। आज, टाटा मोटर्स की कारें न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में अपनी सुरक्षा और गुणवत्ता के लिए जानी जाती हैं।
टाटा की विरासत
रतन टाटा ने न केवल टाटा मोटर्स को ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि अपने विजन और नेतृत्व से भारत का नाम वैश्विक स्तर पर रोशन किया। उनकी यह कहानी हमें सिखाती है कि आत्मविश्वास, धैर्य, और मेहनत से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।
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