पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने होशियारपुर के सहायक लेबर कमिश्नर, हरप्रीत सिंह (पीसीएस) और उनके कार्यालय में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर अल्का शर्मा के खिलाफ 30,000 रुपये रिश्वत लेने के आरोप में मामला दर्ज किया है। इस मामले में अल्का शर्मा को 30,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया, जिसे अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वहीं, दूसरा आरोपी हरप्रीत सिंह फरार बताया जा रहा है
दुकानदार की शिकायत पर रिश्वत मामला दर्ज
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि यह मामला होशियारपुर के कश्मीरी बाजार के दुकानदार रोहित चौहान की शिकायत पर दर्ज किया गया है। रोहित, जो एक सुनार की दुकान चलाते हैं, ने बताया कि उन्होंने हाल ही में अपनी दुकान का नवीनीकरण करवाया था, जिसके बाद उन्हें सहायक लेबर कमिश्नर के कार्यालय से नोटिस मिला। जब वह इस संबंध में कार्यालय गए, तो कंप्यूटर ऑपरेटर अल्का शर्मा ने उन्हें बताया कि भारी जुर्माना लगाया जाएगा, लेकिन वह इस नोटिस को सहायक लेबर कमिश्नर हरप्रीत सिंह से बात करके रफा-दफा करवा सकती हैं।
शिकायत के बाद विजिलेंस ने किया छापा
शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस ब्यूरो ने मामले की जांच शुरू की और ट्रैप लगाया। जांच के दौरान, कंप्यूटर ऑपरेटर अल्का शर्मा को 30,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद अदालत ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं, सहायक लेबर कमिश्नर हरप्रीत सिंह फरार बताए जा रहे हैं, और उनकी तलाश जारी है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई तेज
विजिलेंस ब्यूरो ने इस मामले में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। कंप्यूटर ऑपरेटर अल्का शर्मा की गिरफ्तारी के बाद अब फरार सहायक लेबर कमिश्नर हरप्रीत सिंह की तलाश की जा रही है। ब्यूरो के अनुसार, आरोपी अधिकारियों के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं ताकि उन्हें जल्द से जल्द कानून के दायरे में लाया जा सके। इस घटना के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है, और भ्रष्टाचार पर सख्त नजर रखी जा रही है।
रिश्वत की मांग पर दुकानदार ने विजिलेंस को दी शिकायत
रोहित चौहान ने विजिलेंस ब्यूरो को बताया कि कंप्यूटर ऑपरेटर अल्का शर्मा ने उनसे भारी जुर्माना लगने की धमकी दी और यह भी कहा कि वह इस मामले को सहायक लेबर कमिश्नर हरप्रीत सिंह से बात करके सुलझा सकती हैं, लेकिन इसके बदले उन्हें 30,000 रुपये की रिश्वत देनी होगी। इस पर रोहित ने बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली और सबूत के रूप में उसे विजिलेंस को सौंप दिया। शिकायत के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो ने जांच शुरू की और बाद में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
प्रशासनिक महकमे में मचा हड़कंप
इस रिश्वतखोरी कांड के सामने आने के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। विजिलेंस ब्यूरो की सख्त कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी ने सरकारी कर्मचारियों के बीच भ्रष्टाचार के प्रति डर का माहौल बना दिया है। अधिकारियों ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी निगरानी रखने की बात की है, और उम्मीद जताई जा रही है कि इससे सरकारी विभागों में पारदर्शिता बढ़ेगी। इस पूरे घटनाक्रम के बाद सरकारी कर्मचारियों के व्यवहार पर सवाल उठने लगे हैं।
News Reference सहायक लेबर कमिश्नर, कंप्यूटर ऑपरेटर 30 हजार रिश्वत लेने में नामजद